इस लेख में हम आगमनार्थी वास्तविकता (Augmented Reality In Hindi) के बारे में हिंदी में विस्तार से जानते हैं। आजकल Science और Technology में तेजी से बदलाव हो रहा है और इसका असर हमारे दैनिक जीवन पर भी पड़ रहा है। Augmentation Techniques में एक ऐसा उभार आया है जिसने हमारे वास्तविकता को नई ऊचाइयों तक पहुंचाया है। इस तकनीक का नाम है “आगमनार्थी वास्तविकता” या “Augmented Reality”। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक चमत्कारिक क्षेत्र है जो हमारी दृष्टि को नई तरह से दिखा रहा है।
ऑगमेंटेड रियलिटी क्या है | What is Augmented Reality in Hindi
ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality) एक तकनीकी प्रौद्योगिकी है जो वास्तविकता को आरंभिक अनुभवों में horizontal elements के साथ एकत्र करती है। इसका उद्देश्य यह है कि उपयोगकर्ता वास्तविक जगत के माध्यम से संपर्क में आने के साथ ही वास्तविकता को visual proof के द्वारा प्रदर्शित करें। यह तकनीकी प्राथमिक रूप से डिजिटल संदर्भों के माध्यम से कार्य करती है, जिन्हें या तो सीधे उपयोगकर्ता के दृष्टिकोण में प्रदर्शित किया जाता है या उन्हें वातावरण के साथ coordinate किया जाता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी के उदाहरणों में एक ऑगमेंटेड रियलिटी ऐप्लिकेशन के माध्यम से आप अपने स्मार्टफोन के कमरे का उपयोग करके दुनिया में वास्तविक दृश्य के ऊपर अतिरिक्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक रेस्टोरेंट के बाहर खड़े होकर अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करके उनकी मेनू या विशेष ऑफर्स को देख सकते हैं। इस तकनीकी के उपयोग से आप वास्तविकता को बढ़ावा देते हुए उपयोगकर्ताओं को एक नई और recreated world का अनुभव प्रदान करते हैं।
ऑगमेंटेड रियलिटी कैसे काम करता है?
ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक में, कंप्यूटर द्वारा बनाए गए डिजिटल तत्वों को वास्तविक दुनिया में सम्मिलित किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित कदम लिए जाते हैं:
संवेदनशीलता (Tracking): यह पहला और महत्वपूर्ण कदम है जहां तकनीक को वास्तविकता को पहचानने और संवेदनशील रूप से ट्रैक करने के लिए उपकरणों की आवश्यकता होती है। यह उपकरणों जैसे कैमरे, सेंसर्स और जियोमेट्रिक डाटा का उपयोग करते हैं।
संदर्भ (Reference) इनपुट: ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक डिजिटल संदर्भ को पहचानने के लिए एक reference entry या मार्कर की आवश्यकता होती है। यह संदर्भ किसी वस्तु, प्रकार, चिन्ह, या चित्र के रूप में हो सकता है।
इंटेलिजेंट संगठन (Intelligent Rendering): इस कदम में, संगठन या indexing techniques का उपयोग करके डिजिटल तत्वों को वास्तविकता के साथ संगठित किया जाता है। इससे उपयोगकर्ता को डिजिटल संदर्भ के रूप में प्रदर्शित होने वाली जानकारी या अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान की आवश्यकता के अनुसार तकनीकी तत्वों का संग्रह दिया जाता है।
प्रदर्शन और उपयोग (Display and Interaction): अंतिम कदम में, वास्तविक दुनिया के साथ संगठित और संवेदनशील रूप से बनाए गए डिजिटल तत्वों को उपयोगकर्ता के द्वारा देखा जा सकता है। इसके लिए Generally स्मार्टफोन, टैबलेट, हेडसेट, या अन्य ऑगमेंटेड रियलिटी उपकरणों का उपयोग किया जाता है। उपयोगकर्ता sensitivity, virtual buttons, touchscreen or other अन्य interactions के माध्यम से इन डिजिटल तत्वों के साथ संवाद कर सकते हैं।
ऑगमेंटेड रियलिटी के इस प्रकार के कदमों के संयोजन से उपयोगकर्ता को वास्तविक दुनिया में जोड़कर उन्हें एक नई और आरंभिक अनुभव प्रदान की जाती है।

Augmented reality का उपयोग कैसे करते हैं
ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग करने के लिए आपको निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:
ऑगमेंटेड रियलिटी उपकरण का चयन करें: आपको पहले ऑगमेंटेड रियलिटी उपकरण का चयन करना होगा, जैसे कि स्मार्टफोन, टैबलेट, हेडसेट या ऑगमेंटेड रियलिटी गलसेस।
ऑगमेंटेड रियलिटी ऐप्स डाउनलोड करें: अगला कदम है, अपने उपकरण में ऑगमेंटेड रियलिटी ऐप्स डाउनलोड करना। आपके डिवाइस के आवश्यकतानुसार विभिन्न ऐपस्टोर या संबंधित साइट से ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं।
ऐप को चालू करें: इंस्टॉल किए गए ऐप को खोलें और चालू करें।
ऑगमेंटेड रियलिटी ऐप को अनुमतियाँ दें: ऐप के प्रयोग के लिए आपको अक्सर ऐप को कैमरा और sensitivity के लिए अनुमतियाँ देनी होगी। ऐप के निर्देशों का पालन करें और उपयोगकर्ता अनुभव को प्राप्त करने के लिए उपकरण की कैमरा को ऐप के साथ संयोजित करें।
ऑगमेंटेड रियलिटी का आनंद लें: ऐप के माध्यम से उपकरण की कैमरा को वास्तविकता के साथ संयोजित करके, आप ऑगमेंटेड रियलिटी के आनंद का लुफ्त उठा सकते हैं। यह शामिल हो सकता है वास्तविकता में डिजिटल तत्वों को देखना, ascending navigation, reality में दिखाई देने वाले जानकारी के साथ वस्त्र या उपकरण पर शॉपिंग करना, खेलों और मनोरंजन का आनंद लेना, शिक्षा के क्षेत्र में अनुभवों को सहायक करना, और इसके अलावा अन्य बहुत कुछ।
इस तरह से, आप ऑगमेंटेड रियलिटी के माध्यम से एक नए और रोचक अनुभव का आनंद ले सकते हैं।
ऑगमेंटेड रियलिटी का इतिहास
ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality) का इतिहास बहुत रोचक है। यह तकनीक विकास के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मील को पार कर चुकी है। नीचे दिए गए हैं कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम:
1968: ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality) शब्द का प्रथम बयान इवन सागलेंडर (Ivan Sutherland) ने किया। उन्होंने “ऑगमेंटेड रियलिटी: एक ग्राफिक्सी व्यापारी के लिए व्यावसायिक एडमिट हैरिंग (The Ultimate Display)” नामक एक लेख में इस शब्द का प्रयोग किया।
1990: टॉम सीगेन्टाल (Tom Caudell) ने “ऑगमेंटेड रियलिटी” शब्द का उपयोग करते हुए डिजिटल डेटा के साथ tips को जनरेट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का विकास किया।
1992: विद्यार्थी रिसर्च टीम, लॉरेंस लिवरमोर राष्ट्रीय प्रयोगशाला (Lawrence Livermore National Laboratory) ने “वर्चुअल नेविगेशन सिस्टम” नामक प्रोजेक्ट में ऑगमेंटेड रियलिटी के उपयोग का विकास किया।
1999: ब्रूस थॉमस (Bruce Thomas) और मैर्को सोंटोरी (Mark Billinghurst) ने “एआरटीआईवीटी (ARToolkit)” नामक साधनों का विकास किया, जिससे आम लोग ऑगमेंटेड रियलिटी के उपयोग कर सकें।
2013: गूगल ने “गूगल ग्लास” (Google Glass) जैसे उपकरण का अधिष्ठान किया, जो ऑगमेंटेड रियलिटी का व्यापक प्रयोग करने की संभावना देता है।
ये कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम थे, जो ऑगमेंटेड रियलिटी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। आजकल ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग हो रही है, जैसे कि शिक्षा, मेडिकल, व्यापार, मनोरंजन आदि।

ऑगमेंटेड रियलिटी के प्रकार (Types of Augmented Reality in Hindi)
ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality) के कई प्रकार होते हैं। यहां कुछ मुख्य प्रकार दिए गए हैं:
मार्कर-आधारित ऑगमेंटेड रियलिटी (Marker-Based Augmented Reality): इस प्रकार में, विशेष मार्कर या चिह्न का उपयोग किया जाता है जिसे ऑगमेंटेड रियलिटी उपकरण पहचानते हैं और उसके आधार पर डिजिटल सामग्री को प्रदर्शित करते हैं।
मार्कर-मुक्त ऑगमेंटेड रियलिटी (Marker-free Augmented Reality): इस प्रकार में, किसी विशेष मार्कर की आवश्यकता नहीं होती है। यह ऑगमेंटेड रियलिटी उपकरण के द्वारा आसपास की वास्तविकता को चित्रित करता है और उसे संदर्भित डिजिटल सामग्री के साथ सम्बोधित करता है।
प्रोजेक्शन आधारित ऑगमेंटेड रियलिटी (Projection Based Augmented Reality): इस प्रकार में, प्रोजेक्टर का उपयोग किया जाता है जो वास्तविक दुनिया पर डिजिटल सामग्री को प्रकाशित करता है। यह सामग्री उपयोगकर्ता को एक विशेष क्षेत्र में प्रदर्शित की जाती है, जिससे वह एक अनुभव का भाग बनता है।
वीडियो आधारित ऑगमेंटेड रियलिटी (Video Based Augmented Reality): इस प्रकार में, वीडियो कैमरा का उपयोग करके आसपास की वास्तविकता को कैप्चर किया जाता है और उसे संदर्भित डिजिटल सामग्री के साथ जोड़ा जाता है।
ये थे कुछ मुख्य ऑगमेंटेड रियलिटी के प्रकार, जो विभिन्न तकनीकी माध्यमों का उपयोग करके वास्तविकता को डिजिटल सामग्री के साथ एकीकृत करते हैं।
ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) के बीच का अंतर
ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality) और वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) दो अलग-अलग तकनीकी अनुभव हैं जो हमें वास्तविकता के साथ एक साथ इंटरेक्ट करने में मदद करते हैं। इन दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं:
ऑगमेंटेड रियलिटी:
- ऑगमेंटेड रियलिटी में, हम वास्तविकता को देखते हुए उसे डिजिटल सामग्री के साथ जोड़ते हैं।
- यह तकनीक हमें वास्तविक दुनिया में बने हुए होलोग्राम या डिजिटल वस्तुओं को देखने की अनुमति देती है।
- ऑगमेंटेड रियलिटी उपकरण के माध्यम से हम अपने आसपास के वातावरण में डिजिटल सामग्री को देख सकते हैं और इसके साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं।
वर्चुअल रियलिटी:
- वर्चुअल रियलिटी में, हम पूरी तरह से नए और विशेष डिजिटल वास्तविकता में डूब जाते हैं।
- इस तकनीक के माध्यम से हम वास्तविक दुनिया के बजाय एक Virtual या Simulated दुनिया में समय बिता सकते हैं।
- वर्चुअल रियलिटी उपकरण पहनने वाले व्यक्ति को पूरी तरह से एक वास्तविकता के बजाय एक डिजिटल या वर्चुअल वास्तविकता में घूमते हुए महसूस करवाते हैं।
इस प्रकार, ऑगमेंटेड रियलिटी हमें वास्तविकता के साथ डिजिटल सामग्री को जोड़ने में मदद करती है, जबकि वर्चुअल रियलिटी हमें पूरी तरह से नई वर्चुअल या सिम्युलेटेड वास्तविकता में डूबने में मदद करती है।
ऑगमेंटेड रियलिटी के फायदे
विस्तारित अनुभव (Extended Experience): ऑगमेंटेड रियलिटी द्वारा, हम वास्तविकता को डिजिटल सामग्री के साथ जोड़कर अपने अनुभव को विस्तृत कर सकते हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को बेहतर और up to date जानकारी मिलती है और विभिन्न क्षेत्रों में सुविधा प्रदान की जाती है।
शिक्षा में उपयोग (use in education): ऑगमेंटेड रियलिटी शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके माध्यम से, छात्रों को वास्तविकता के साथ जुड़े up to date सामग्री, उदाहरण और प्रयोग का अनुभव मिलता है जो उनकी समझ और रुचि को बढ़ाता है।
व्यापार में उपयोग (Use in Business): ऑगमेंटेड रियलिटी व्यापार में भी व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। उदाहरण के लिए, विज्ञापन और मार्केटिंग क्षेत्र में ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग उत्पादों और सेवाओं की प्रदर्शनी, ग्राहकों को वास्तविक अनुभव के साथ संबंधित जानकारी प्रदान करने, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में आकर्षण बढ़ाने आदि के लिए किया जाता है।
वृत्तिमान अनुभव (Current Experience): ऑगमेंटेड रियलिटी द्वारा उपयोगकर्ता को वृत्तिमान अनुभव प्रदान किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वैर्चुअल ट्रायल के माध्यम से व्यक्ति वस्तुओं को वास्तविकता में ट्राय कर सकता है और उन्हें सचमुच का अनुभव कर सकता है, जो उनके खरीदने या उपयोग करने के फैसले पर प्रभाव डालता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी के इन फायदों के कारण, इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है जैसे शिक्षा, मनोरंजन, सेवाएं, सेहत देखभाल और व्यापार।

ऑगमेंटेड रियलिटी के नुकसान
आपत्तिजनक प्रभाव (Negative Impact): ऑगमेंटेड रियलिटी उपयोग करने के दौरान, यदि उपयोगकर्ता की सावधानी नहीं होती है, तो यह उनके चारों ओर की वास्तविकता को अनुभव करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इससे सावधानी बरतना महत्वपूर्ण होता है ताकि कोई दुर्घटना या आपत्तिजनक प्रभाव न हो।
तकनीकी चुनौतियां (Technical Challenges): ऑगमेंटेड रियलिटी के लिए तकनीकी आधार और संचार साधनों की आवश्यकता होती है। इसके लिए उपकरणों, संचार नेटवर्कों, सेंसरों और उपयोगकर्ता के उपकरणों की तकनीकी योग्यता का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इसके अलावा, यदि उपकरणों में कोई खराबी या तकनीकी समस्या होती है, तो यह उपयोगकर्ता के अनुभव को प्रभावित कर सकता है।
आवाज और संकेत (Sound And Signal): ऑगमेंटेड रियलिटी उपयोग करने के लिए आवाज, संकेत या दिशा-निर्देश की आवश्यकता होती है। इसके बिना, सामग्री या अनुभव सही तरीके से प्रदर्शित नहीं हो सकते हैं। यदि यह आवाज या संकेत किसी कारण से प्रभावित होता है, तो उपयोगकर्ता को असुविधा हो सकती है और उन्हें संदेश प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है।
ये कुछ ऑगमेंटेड रियलिटी के नुकसान हैं, लेकिन इनकी समस्याओं को ठीक से संघटित करके और सावधानी बरताते हुए, इसके लाभों का उपयोग किया जा सकता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी का भविष्य
वर्धित वास्तविकता (एआर) एक ऐसी तकनीक है जिसमें हमारे पर्यावरण के साथ बातचीत करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता है। इसका उपयोग इमर्सिव अनुभव बनाने के लिए किया जा सकता है, जिससे हमें वास्तविक दुनिया के दृश्यों पर डिजिटल सामग्री को देखने में मदद मिलती है।
AR का भविष्य व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए समान रूप से अपार संभावनाएं रखता है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में प्रगति के साथ, AR अधिक सुलभ और उपयोग में आसान हो जाएगा, जिससे लोग मनोरंजन, शिक्षा और अन्य उद्देश्यों के लिए आभासी वातावरण बना सकेंगे। इसके अलावा, यह संभावित रूप से स्वास्थ्य सेवा से लेकर खुदरा क्षेत्र तक कई तरह के उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
संवर्धित वास्तविकता और इसके भविष्य के अनुप्रयोगों की बात आने पर संभावनाएं अनंत हैं। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, वैसे-वैसे हम एआर के साथ क्या कर सकते हैं, इसकी संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से हमनेAugmented Reality के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझा है और इसके बारे में हिंदी में जानकारी प्रदान की है। Augmented Reality एक ऐसा तकनीकी Update है जो हमें वास्तविकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ दुनिया को नई और रोचक तरीके से देखने की संभावनाएं प्रदान करती है। इसका उपयोग अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है जैसे शिक्षा, सेवाएं, पर्यटन, विज्ञान, आर्ट आदि। इससे हमारी दृष्टि विशेष रूप से उन दृश्यों और ज्ञान को बढ़ावा देती है जो हमें सामान्यतः अनदेखा रहते हैं।
Augmented Reality आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण होगी और इसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन के अनेक क्षेत्रों में होगा। हमें इस तकनीक के साथ अवगत होना चाहिए और इसके लाभों का उपयोग करना चाहिए। यह हमें नए Visual और Knowledgeable अनुभव प्रदान कर सकती है और हमारे जीवन को सुंदर और रोचक बना सकती है।
FAQs
AR का क्या काम होता है?
ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) का मुख्य काम होता है वास्तविकता के साथ डिजिटल सामग्री को जोड़ना। यह उपयोगकर्ता को वास्तविकता के अंदर एक आधार रखते हुए उसे वृत्तिमान अनुभव प्रदान करने की क्षमता प्रदान करता है।
AR के माध्यम से, वास्तविकता के आसपास के माहौल में विभिन्न डिजिटल आइटम, जैसे ग्राफिक्स, छवियाँ, वीडियो, ध्वनि, वस्त्र, उपकरण आदि को दिखाया जा सकता है। यह सामग्री उपयोगकर्ता के द्वारा देखी जा सकती है जब वह अपने आसपास की वास्तविकता को एक AR उपकरण या ऐप के माध्यम से देखता है।
AR का काम उपयोगकर्ता को विभिन्न क्षेत्रों में सुविधाएं प्रदान करना है, जैसे शिक्षा, मनोरंजन, व्यापार, यात्रा, सेवाएं, सेहत देखभाल आदि। यह एक विस्तृत और प्रभावी अनुभव प्रदान करता है जो उपयोगकर्ताओं को बेहतर समझ, नई जानकारी, उदाहरण और प्रयोग का अनुभव करने की सुविधा प्रदान करता है।
AR और VR क्या है?
ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) दो अलग-अलग तकनीकी अनुभव हैं।
ऑगमेंटेड रियलिटी (AR): ऑगमेंटेड रियलिटी एक तकनीकी प्रणाली है जिसमें वास्तविकता के साथ डिजिटल सामग्री को जोड़ा जाता है। इसके माध्यम से, उपयोगकर्ता को वास्तविकता के अंदर एक आधार रखते हुए उसे वृत्तिमान अनुभव प्रदान करता है। AR उपकरण या ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता आसपास की वास्तविकता को देखता है और उसे डिजिटल सामग्री के साथ युक्त करता है। इसका प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जैसे शिक्षा, मनोरंजन, व्यापार, यात्रा, सेवाएं आदि।
वर्चुअल रियलिटी (VR): वर्चुअल रियलिटी एक तकनीकी प्रणाली है जिसमें उपयोगकर्ता को एक पूर्णतः नया वास्तविकता का अनुभव प्रदान करता है। VR उपकरण के माध्यम से उपयोगकर्ता एक वास्तविकता के समान दुनिया में प्रवेश करता है जिसे कंप्यूटर या एलिमेंट कंट्रोल्ड नेटवर्क (जैसे हेडसेट) द्वारा प्रदान किया जाता है। इसमें उपयोगकर्ता को वास्तविकता से अलग होकर एक नया और पूरी तरह से प्रवेश करने योग्य अनुभव मिलता है। इसका प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जैसे गेमिंग, सिमुलेशन, व्यावसायिक ट्रेनिंग, चिकित्सा, कला आदि।
इस प्रकार, AR और VR दोनों अलग-अलग तकनीकी अनुभव हैं जो उपयोगकर्ताओं को अलग-अलग तरीके से समय बिताने और वास्तविकता के भीतर विभिन्न अनुभवों का आनंद लेने की सुविधा प्रदान करते हैं।
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