Dark Web Kya Hai और कैसे काम करता है: एक विस्तृत जानकारी

यदि आप इंटरनेट के बारे में रुचि रखते हैं, तो आपने शायद Dark Web के बारे में सुना होगा। डार्क वेब एक ऐसा अंश है जिसका आपसे अनजाना रहना सुरक्षित हो सकता है, जहां आपको इंटरनेट के वास्तविक और आम तरीकों से अलग तरह की गतिविधियाँ देखने को मिलती हैं। इस लेख में, हम Dark Web Kya Hai और कैसे काम करता है के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जैसे कि इसका अर्थ, काम करने का तरीका, उपयोग, सुरक्षा संबंधित चुनौतियाँ और अधिक।

डार्क वेब क्या है? Dark Web Kya Hai in Hindi

डार्क वेब एक ऐसा हिस्सा है जो इंटरनेट का एक अंश होता है जिसको सार्वजनिक खोज इंजनों के माध्यम से नहीं खोजा जा सकता है। यह भाग इंटरनेट के उस हिस्से को संदर्भित करता है जहां गहरी वेबसाइटें, ऑनलाइन बाजार, साइबर अपराध और अन्य गतिविधियाँ सम्पन्न होती हैं जो साधारणतया दुनिया के सामान्य इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए दृश्य नहीं होती हैं।

डार्क वेब वास्तव में तीन स्तरों पर विभाजित होता है। ये हैं:

1. सर्फेस वेब (Surface Web): सर्फेस वेब है वह हिस्सा जो हम सामान्यतः देखते हैं और इस्तेमाल करते हैं। यहां हम सर्च इंजनों के माध्यम से खोज और पहुंच सकते हैं, जैसे कि वेबसाइटें, ईमेल, सोशल मीडिया और ऑनलाइन विपणन का दुनिया। सर्फेस वेब आमतौर पर सार्च इंजन रैंकिंग के माध्यम से पहुंचने योग्य होता है।

2. डीप वेब (Deep Web): डीप वेब सर्फेस वेब के उस भाग को संदर्भित करता है जिसे सार्च इंजनों के माध्यम से नहीं खोजा जा सकता है। इसमें विभिन्न तरह की सुरक्षित और प्राइवेट वेब पेज, डेटाबेस, बैंकी साइटें, ईमेल खाते, यूजर खाते और अन्य सामग्री शामिल होती है। यह सामग्री पासवर्ड या प्रवेश कुंजी की आवश्यकता के कारण सामान्यतः पहुंच योग्य नहीं होती है।

3. डार्क वेब (Dark Web): डार्क वेब वह हिस्सा है जो साधारणतः सार्फेस वेब और डीप वेब से अलग होता है। यह एक अनजानी और अवैध गतिविधियों का केंद्र होता है और इसे तोर नेटवर्क के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। यहां प्रवेश के लिए विशेष तत्वों और तकनीकी प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है। डार्क वेब पर आपको Exclusive Websites, Online Markets, Private Forums, Cyber Criminals, Private Chat Servers मिलता है।

Dark Web की परिभाषा

डार्क वेब एक अंतरजालीय (इंटरनेट) स्पेस है जो जनरल वेब (सार्वजनिक इंटरनेट) से अलग होता है। यह एक गहन और गुप्त स्थान है जहां उपयोगकर्ताओं को Voice, Image, Video, Data और other miscellaneous stuff को intensely और private form से संचालित करने की सुविधा मिलती है।

डार्क वेब विशेष तकनीकी प्रोटोकॉल्स का उपयोग करता है, जिसमें users की पहचान को मास्क किया जाता है ताकि उनकी verification या Identification कठिन हो। इसलिए, dark web unmanaged और unauthorized material के लिए एक माध्यम के रूप में जाना जाता है, जिसमें उपयोगकर्ताओं को अवैध गतिविधियों या immoral acts के लिए विकसित नेटवर्क और संगठनों तक पहुंच मिलती है।

Dark Web काम कैसे करता है

डार्क वेब काम करने के लिए निम्नलिखित तत्वों का उपयोग करता है:

1. टॉर नेटवर्क: डार्क वेब को संचालित करने के लिए मुख्यतः टॉर (The Onion Router) नेटवर्क का उपयोग किया जाता है। टॉर एक प्रमुख तकनीकी परियोजना है जो उपयोगकर्ताओं को निजी और अनामित रूप से इंटरनेट पर ब्राउज़ करने की सुविधा प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों को वेबसाइटों तक पहुंचने के लिए कई विभिन्न टॉर सर्वरों के माध्यम से रूट करता है। टॉर इंटरनेट ट्रैफ़िक को कई लेयरों (Dark Net) में एन्क्रिप्ट करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं की पहचान छिपाई जाती है।

2. गोलपोस्ट सर्वर: डार्क वेब में साइटों को उपलब्ध कराने के लिए गोलपोस्ट सर्वर का उपयोग किया जाता है। गोलपोस्ट सर्वर वेबसाइटों के IP address को छिपाकर उपयोगकर्ताओं को निजी रूप से इंटरनेट पर संचालित करने में मदद करता है। जब कोई उपयोगकर्ता डार्क वेब पर एक साइट तक पहुंचता है, उनके रिक्वेस्ट संदेश गोलपोस्ट सर्वर के माध्यम से पहुंचता है और फिर साइट के सर्वर के पास जाता है। इस प्रक्रिया में गोलपोस्ट सर्वर उपयोगकर्ताओं की पहचान को मास्क करता है।

3. क्रिप्टोकरंसी: डार्क वेब में भुगतान के लिए क्रिप्टोकरंसी का उपयोग किया जाता है। वहां प्रमुखतः बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करंसियों का उपयोग होता है, जो उपयोगकर्ताओं को निजी और अनामित तरीके से लेन-देन करने की सुविधा प्रदान करते हैं। क्रिप्टोकरंसी के द्वारा लेन-देन करने से व्यक्तिगत विवरण या लेन-देन की जानकारी को छिपाया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ताओं की आईडेंटिटी और लेन-देन विवरण को सुरक्षित रखा जा सकता है।

यह सभी तत्व संयोजित रूप से काम करके डार्क वेब को निजी, गहन और अनाधिकृत बनाते हैं। उपयोगकर्ताओं की पहचान छिपाई जाती है और उनकी गतिविधियों को ट्रैक करना कठिन होता है।

Surface Web, Deep Web और Dark Web में अंतर

इंटरनेट में तीन मुख्य भाग होते हैं: सरफेस वेब (Surface Web), डीप वेब (Deep Web), और डार्क वेब (Dark Web). यहां इन तीनों में अंतर बताया गया है:

1. सरफेस वेब: सरफेस वेब वह भाग है जिसे हम आमतौर पर इंटरनेट के रूप में जानते हैं। यह वह भाग है जो सार्वजनिक खोज इंजनों (जैसे कि google, yahoo, bing) द्वारा अनुक्रमित होता है और हम इसे आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। यहां पर ज्यादातर Websites, E-mail, Social media platforms, E-commerce sites, Blogs, News sites आदि शामिल होती हैं।

2. डीप वेब: डीप वेब वह भाग है जो सरफेस वेब से छिपा रहता है और सार्वजनिक खोज इंजनों द्वारा सीधे अनुक्रमित नहीं होता है। यह Databases, secure networks, private e-mail, request-response pages, online banking portals, objectionable websites, research knowledge bases, government databases आदि को शामिल करता है। डीप वेब में जाने के लिए विशेष लॉगिन प्रमाणीकरण या अनुमतियों की आवश्यकता होती है।

3. डार्क वेब: डार्क वेब सरफेस वेब और डीप वेब के बाहर का एक गहन, अप्रशासित और अनाधिकृत भाग है। इसमें उपयोगकर्ताओं को गहनतापूर्वक और निजी रूप से संचालित करने की सुविधा होती है और उनकी पहचान को मास्क किया जाता है। यह वेबसाइटें और सेवाएं होती हैं जिनका उपयोग अवैध और अनैतिक गतिविधियों के लिए किया जाता है, जैसे कि Crime, Sale of Drugs and Pills, Hacking Services, Sale of Personal Information, Counterfeit Passports और trading of permissions आदि। डार्क वेब तक पहुंच करने के लिए विशेष गोलपोस्ट सर्वर और वेब ब्राउज़र का उपयोग किया जाता है।

कृपया ध्यान दें कि डार्क वेब का उपयोग कानूनी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है और ऐसी गतिविधियां करना गैरकानूनी होता है।

Dark Web Kya Hai
Dark Web Kya Hai

डार्क वेब पर ब्राउज़ करने के तरीके

डार्क वेब पर ब्राउज़ करने के लिए आपको कुछ तरीके और उपकरणों की आवश्यकता होगी। यहां कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनका उपयोग करके आप डार्क वेब की दुनिया में पहुंच सकते हैं:

1. टोर ब्राउज़र

टोर ब्राउज़र एक खुला स्रोत वेब ब्राउज़र है जिसे विशेष रूप से डार्क वेब तक पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आपकी गोपनीयता को संरक्षित रखता है और आपकी गतिविधियों को अनामी रूप से बनाता है। आप टोर ब्राउज़र को डार्क वेब साइटों और सर्वरों तक पहुंच के लिए उपयोग कर सकते हैं।

2. वीपीएन

वीपीएन (VPN) एक निजी नेटवर्क है जो आपकी गोपनीयता को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह आपको एक विशेष सर्वर के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करने की अनुमति देता है जिससे आपका IP Address छिप जाता है। यह आपको वेबसाइटों और साइबर अपराधियों से सुरक्षित रखता है जब आप डार्क वेब पर सर्फ कर रहे होते हैं।

3. वर्चुअल मशीन

वर्चुअल मशीन (Virtual Machine) एक सॉफ़्टवेयर है जिसका उपयोग करके आप डार्क वेब पर सुरक्षित रूप से पहुंच सकते हैं। इसके द्वारा आप एक अलग virtual environment में चल रहे होते हैं जो आपकी मूल सिस्टम से अलग होता है। वर्चुअल मशीन का उपयोग करने से आप अपराधियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा बढ़ा सकते हैं।

Dark Web को किसने बनाया 

डार्क वेब को सिर्फ एक व्यक्ति या संगठन ने नहीं बनाया है। वास्तव में, डार्क वेब उन तकनीकी प्रोटोकॉल्स, नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर, और सूचना सुरक्षा के विभिन्न हिस्सों का एक संयोजन है। इसका विकास सार्वजनिक इंटरनेट के विभिन्न तत्वों के परिणामस्वरूप हुआ है।

डार्क वेब का नेटवर्क प्रोटोकॉल Tor (The Onion Router) नामक एक प्रमुख तकनीकी परियोजना के द्वारा प्रदान किया जाता है। Tor नेटवर्क उपयोगकर्ताओं को वेबसाइटों तक गहनतापूर्वक और निजी रूप से पहुंचने की सुविधा प्रदान करता है। इसके उपयोग से उपयोगकर्ताओं की पहचान छिपाई जाती है और इंटरनेट ट्रैफिक को विभिन्न सर्वरों के माध्यम से रूट किया जाता है, जिससे उनकी गतिविधियों का पता लगाना कठिन होता है।

यद्यपि Tor पहले से मौजूद था, लेकिन इसे बाद में संगठित और विकसित किया गया और वर्तमान में यह डार्क वेब को पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी उपकरण बन गया है।

अंततः, डार्क वेब उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों के संयोजन पर निर्भर करता है जो इसे उपयोग करते हैं। इसे किसी एक व्यक्ति या संगठन द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

Dark Web में क्या किया जाता है?

डार्क वेब पर कई गतिविधियां होती हैं, जिनमें से कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • अवैध वस्तुओं की विक्रय
  • अवैध सेवाएं
  • डार्कनेट मार्केटप्लेस
  • जानकारी और गाइड सेवाएं

यह बहुत गंभीर बात है कि डार्क वेब कानूनी नहीं है और इसका उपयोग करना गैरकानूनी हो सकता है। यहां दी गई जानकारी सिर्फ जागरूकता के उद्देश्यों से है और किसी भी गैरकानूनी या अनुचित गतिविधि का समर्थन नहीं करती है।

Dark Web के क्या नुकसान हैं

डार्क वेब के उपयोग के नुकसानों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

1. अवैध गतिविधियाँ: डार्क वेब में अवैध गतिविधियों का विस्तार होता है, जैसे कि drugs, hacking, trade in illegal goods, creation, production and distribution of piracy websites, promotion of criminal activities, और offering illegal services। यह नुकसान सामान्य उपयोगकर्ताओं, सामान्य संस्थाओं और साइबर सुरक्षा को खतरा पहुंचाती है।

2. आईडेंटिटी चोरी: डार्क वेब पर उपलब्ध साइबर क्रिमिनल्स आपकी आईडेंटिटी को चोरी कर सकते हैं। वे आपके नाम, बैंक खाता विवरण, सामाजिक सुरक्षा संख्या और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को प्राप्त करके उसका गलत उपयोग कर सकते हैं। इससे आपकी व्यक्तिगत और वित्तीय सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।

3. वायरस और मैलवेयर: डार्क वेब पर आपको वायरस, ट्रोजन, मैलवेयर और अन्य क्षतिकर सॉफ़्टवेयर से संपर्क करने का खतरा होता है। जब आप अपवित्र सामग्री, फ़ाइल या डाउनलोड करते हैं, तो आपके सिस्टम को संक्रमित करने की संभावना होती है। इससे आपकी डेटा सुरक्षा और नेटवर्क सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।

4. ऑनलाइन चाल: डार्क वेब पर उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों को निजी रूप से रखने के कारण, उपयोगकर्ताओं के साथ ऑनलाइन चाल करने का खतरा बढ़ जाता है। वहां आपको धोखाधड़ी, लुभावने ऑफ़र, वांछित वस्तुओं की धोखाधड़ी और ऑनलाइन आपराधिक गतिविधियों की संभावना होती है। ऐसी चालें आपकी वित्तीय नुकसान, आईडेंटिटी चोरी और अन्य सुरक्षा समस्याओं का कारण बन सकती हैं।

यदि आप इंटरनेट पर सुरक्षित रहने की इच्छा रखते हैं, तो डार्क वेब से दूर रहना अत्यावश्यक है और आपको सावधान रहना चाहिए।

Dark Web के क्या फायदे हैं

डार्क वेब के कुछ फायदों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

1. निजता की सुरक्षा (privacy protection): डार्क वेब पर उपयोगकर्ताओं की पहचान को छिपाए रखने का मुख्य लक्ष्य होता है। यह उपयोगकर्ताओं को निजी रूप से इंटरनेट पर संचालन करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उनकी गतिविधियों को ट्रैक करना कठिन होता है। इससे उपयोगकर्ताओं की निजता और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

2. प्राथमिकता की सुविधा: डार्क वेब में विभिन्न साइटों पर सामग्री, सेवाएं और उत्पादों की उपलब्धता होती है जो साधारणतः साधारण इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं होती हैं। यहां पर अवैध तत्वों के अलावा भी न्यायिक तत्व, संगठनों, पत्रकारों और अन्य व्यक्तियों की गुप्त सामग्री भी हो सकती है।

3. विचारधारा और मानवाधिकारों की सुरक्षा: कुछ डार्क वेब साइटों पर विचारधारा, मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के मुद्दों पर खुले विचार और जानकारी बांटी जाती है। यह  उपयोगकर्ताओं को विचारधारा को आवाज़ देने और संगठना करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

4. अन्यत्र संचार (Communication): डार्क वेब पर उपलब्ध तत्वों के द्वारा लोग अनन्यत्र संचार कर सकते हैं, जैसे कि Protected newsletter, anonymous email services, forums और social media platforms। यह उपयोगकर्ताओं को संचार में स्वतंत्रता और गोपनीयता की सुरक्षा प्रदान करता है।

यहां ध्यान दें कि डार्क वेब के फायदे सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए नहीं होते हैं और उसका उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। इसे केवल जानकारी के लिए दिया गया है और किसी भी गैरकानूनी या अनुचित गतिविधि का समर्थन नहीं करता है।

Dark Web को बैन क्यों नहीं किया जाता है?

डार्क वेब को बैन नहीं किया जाता है क्योंकि इसके कुछ मुख्य कारण हैं:

1. नेट न्यूट्रैलिटी: नेट न्यूट्रैलिटी के सिद्धांत के तहत, इंटरनेट के सामान्य तत्वों के साथ डार्क वेब को एक साथ बैन करना संभव नहीं है। नेट न्यूट्रैलिटी के अनुसार, इंटरनेट पर सभी ट्रैफ़िक को विनियमित रूप से बाधित नहीं किया जा सकता है और साथ ही साथ उपयोगकर्ताओं को विशिष्ट वेबसाइट्स और सेवाओं का उपयोग करने की स्वतंत्रता और पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।

2. गोपनीयता और अधिकार: डार्क वेब विश्व में नेटवर्क गोपनीयता और आज़ादी की प्रमुख समर्थकों में से एक है। यहां उपयोगकर्ताओं को अनामित रूप से और बिना पहचान के साथ इंटरनेट पर संचालन करने की स्वतंत्रता मिलती है। यह उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की सुरक्षा प्रदान करता है और उन्हें स्वतंत्रता का एक माध्यम प्रदान करता है जो सामान्य इंटरनेट पर नहीं होता है।

3. तकनीकी चुनौतियाँ: डार्क वेब को बैन करना तकनीकी चुनौतियों का सामना करेगा। डार्क वेब अनुभव Anonymous Networks, Encryption, Tor Network और अन्य तकनीकों का उपयोग करता है जो उपयोगकर्ताओं की पहचान को छिपा सकते हैं। इसलिए, उपयोगकर्ताओं की पहचान के आधार पर डार्क वेब को पूरी तरह से बैन करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है।

इन कारणों के कारण, डार्क वेब को बैन करना अधिकारिक रूप से संभव नहीं है। हालांकि, यह उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा और गोपनीयता की चुनौतियों का कारण बनता है और इसे विवेकपूर्णता से उपयोग करना चाहिए।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने आपको डार्क वेब के बारे में पूरी जानकारी दी है। इसे पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा कि डार्क वेब क्या होती है और इंटरनेट की दुनिया में कैसे काम करती है। डार्क वेब का उपयोग गलत और सही दोनों के लिए किया जाता है, लेकिन हैकर्स के द्वारा इसका दुरुपयोग करने से यह एक खतरनाक स्थान बन गया है। उम्मीद है कि आपको अब डार्क वेब के बारे में और उसके एक्सेस करने के तरीकों के बारे में अच्छी जानकारी होगी।

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